हाँ ये सच है
हम तुझे चाहना भूल गए
बेदर्दी में हम देखते रहे
तेरी आँख से गिरे आँसुओ को
जब एहसास हुआ अपनी बदसलूकी का
तब हम तुझे सताना भूल गए
मुद्दत हो गयी किसी को गले से लगाए
आज जो वो पास आया तो जाना
हम तो अपना इश्क़ भी जताना भूल गए
जन्मो से बेठे हैं तेरे इंतज़ार में
इस बार भी जाने किस बेहोशी में
अपने नाम के आगे तेरा नाम लगाना भूल गए!
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