कभी कभी सोचती हूँ
शायद तुम खुश हो वहाँ
देखते हो मुझे वहाँ से
रहते हैं तारे भी जहाँ
सोचते होंगे मॅन में
क्यूँ तड़पती है ये हमारे लिए
हम तो हैं अब वहाँ
जगमगाते हैं जहाँ हज़ारों दिए
रहने वाले रह जाते हैं
तड़पते हैं जाने वाले कीआस में
बिना पानी के कुए के पास खड़े हो जैसे
हो वो ऐसी प्यास में
मानना होगा मॅन में
अच्छे हे हैं वो उस दुनिया में
आएगा शायद वो समय भी कभी
अभी तो शायद हैं हम नौसिखिया से