Monday 13 June 2016

कुछ ख़याल ऐसे ही...

आपके लिखे कुछ शब्द पढ़के ये सोचते हैं,
ये तेरे लिखे का कमाल है या मुझमे ये एहसास हमेशा से था।।

जानती हूँ मैं, तुझे मुझसे मोहब्बत नही
फिर भी तेरे इश्क़ की इबाबत पे मेरी मोहब्बत छलकती है।।

आज मेरे लिखे पे कोई जवाब नही आया,
या तो मैं लिखना भूल चुकी या उन्हे कोई और कद्रदान मिल गया।।

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