Tuesday 21 June 2016

दोस्त

वो कहते हैं ऐसे दोस्ती के क्या मायने हैं 
कल याद आयी थी हमारी 
आज वो भूल गए
वो कहते हैं ऐसे दोस्ती के क्या मायने हैं 
जो कभी दुःख में याद किया तो कभी भूल गए 
मैं कहती हूँ उनसे 
की क्यूँ चाहिए हर काम के लिए दोस्त 
मैं कहती हूँ उनसे
और भला कैसे सब कुछ देंगे तुम्हें दोस्त
पर अकेले का सहारा हैं 
ग़म में रमीं ज़िंदगी में
कुछ हँसी देते हैं दोस्त 
कुछ बेफ़िक्र सी घड़ियाँ देते हैं और
मन बदलने का ज़रिया हैं दोस्त 
अरे वो बचा लेते हैं ज़िंदगी को
और एक बार कह को तो देखो 
प्यार का भी दरिया हैं दोस्त ।।

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