Friday 20 March 2015

समझ से परे!

क्या है बच्चो में ऐसा
कि उन्हे देखते ही
खिल उठता है मॅन
और मुस्कुरा जाए जी

जैसे वो भोलापन
आज भी हमारा हिस्सा है
या उसे पाने की चाह है
या उसे गवाने का गम

जैसे उनकी मुस्कुराहट
फैल जाए
हवा की तरह
और आप एकटक देखते रहो उन्हे
मुस्कुराते हुए और खुद पर हसते हुए

क्या हो अगर हम
खुश रह सके ऐसे ही
अपने आप में
इस संसार की खुशियो में
जो लोगो से परे है
दूर है
और खूबसूरत है
हमारी समझ से परे!

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