Thursday 12 March 2015

लालसा

इंतजार तुम्हारा
और उन यादो का
जो तुम्हारे साथ बनानी हैं
ये आँखें जो इक टक तेरी राह देखतीं  हैं 
और दिन रात देखतीं हैं
तेरे सपने
तेरी आगोश में सिमटने के
तुझे पाने के
जैसे ढूढ़ना हो
नए नए प्यार का वो ज़ायका
वो स्वाद
कभी मीठा
कभी खट्टा
और कभी कड़वा
पर फिर भी दोबारा चखने की लालसा

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