कुछ अनकही सी बातें
जैसे सुन ली हों तुमने
और जैसे मेरे विचार
पढ लिए हों
ना जाने क्यूं
और
उन खयालों में
तुम भी जानते हो
तुम्हारे हीे सपने हैं
और उनके हक़ीक़त बनने
की चाह
और जबआँखें भरी हो
कल के सपनो से
तो नींद जैसे कोसों दूर चली जाये
और याद रहे वो आज
जो तेरे साथ है
और वो सुनहरा कल
जो तेरे साथ होगा
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