Whatever comes to mind!
Sunday 29 May 2016
यही वो पल हैं
वो सुहाना मौसम
जैसे तुम्हारी मुस्कुराहट
वो तेज़ हवाएँ
जैसे तुम्हारे उड़ते बाल
वो बारिश
जैसे तुमने छू लिया हो
वो सौंधी सी ख़ुशबू
जैसे गुज़रीं हो तुम क़रीब से
यही वो पल हैं
जो आज भी तेरी यादें ताज़ा कर देते हैं
यही वो पल हैं
यही वो पल हैं
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