Whatever comes to mind!
Wednesday, 27 August 2014
एक सुहानी शाम
एक सुहानी शाम
वो सुबह का सूरज
वो शाम के बादल
वो सिमटता हुआ आसमान
वो रात के आँचल में छुपता चाँद
वो सर्दी का मौसम
वो ठंडी हवायें
वो गर्म शॉल
चाय का कप
और तुम्हारे खत्त..!!
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